Listen to Devi Suktam Here – https://youtu.be/7pfW5S6lAmo
देवी सूक्तम् (ऋग्वेद) दुर्गतिनाशक, Devi Suktam (Misfortune remover from Rig Veda) Durga Saptashati. मित्रों, अब हम ऋग्वेद के दसवें मण्डल, दसवें अध्याय एवं एक सौ पच्चीसवें सूत्र (मं.१० अ.१० सू.१२५) में वर्णित उत्तम देवी सूक्त का वर्णन कर रहे हैं । इसी देवी सूक्त का पाठ करके, राजा सूरथ तथा समाधि नामक वैश्य ने देवी के दर्शन और मनचाहा वरदान प्राप्त किया । जो लोग इस स्तुति के द्वारा भवानीका पूजन करते हैं , वे मानव इस संसार में सब प्रकारके धन, वैभव तथा सुख से परिपूर्ण, विद्वान् और राजाओंके शिरोमणि होते हैं । आइये, हम सब मिलकर इसी स्तुति का पाठ करें और ऐसी भावना करें कि भगवती दुर्गा हमसे प्रसन्न होकर स्वयं हमारे समक्ष उपस्थित हो गईं हैं और हमें मनचाहा वरदान प्रदान कर रही हैं । दिनेश सहगल गुरुजी शक्ति योगी
Friends, this Devi Suktam is mentioned in the 10th Mandal, 10th Chapter and 125th Shloka(Hymn) of Rigveda reciting which King Surath and Samadhi Vaishya(Businessman) were able to call Goddess Durga to get their desired blessings. The one who worships Goddess Durga with this divine prayer they are blessed with all types of wealth, prosperity, happiness and they become the favourites of rulers and their senior officials. So let us join together and listen to this Devi Suktam and visualise that Goddess Durga is present before us and blessing us with our desired wishes.
Dinesh Sehgal Guruji
Shakti Yogi
Om Namo Jai Durgayai
Hrim International Trust